Surah Rahman Pdf Download | Surah Rahman in Hindi Full Surah

Surah Rahman Hindi, कुरआन मजीद की एक खूबसूरत और सबसे ज्यादा तिलावत करने बाली सूरह है। कुरआन में सूरह रहमान 55वें वाव में है और इसमें 78 आयत है। 

सूरह रहमान में अल्लाह फरमाता है कि "तुम अल्लाह की कौन कौन सी नेमतों को ठुकराओगे।"

जो शख्स अल्लाह ताला से बरकत, सवालों के हल और मगफिरत चाहता है, उसे सूरह रहमान को पढ़ना चाहिए।
सबसे अहम बात यह है कि इस सूरह में अल्लाह ने हकीकी जिन्दगी और मरने के बाद की जिन्दगी को बताया है।


सूरह रहमान हिंदी में

जिससे इंसान बाकिफ हो जाएँ और अपने अल्लाह की बनाई चीज़ों को देख कर समझ लें कि एक बही अल्लाह है जो हर चीज़ पर कादिर है। ताकि इंसान अपने अल्लाह की इबादत में लग जाये और अपनी आखिरत सुधार ले।

 सूरह रहमान के बारे में कुछ इम्पोर्टेन्ट बातें जिससे इसका मतलब आसानी से समझा जा सके

  • 1 अल्लाह ताला ने मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम पर कुरआन नाजिल फ़रमाया और इसको इंसानों के लिए हिदायत की किताब बनाया
  • 2-15 अल्लाह हर चीज का खालिक और मालिक है उसी ने सब जहाँ को बनाया है
  • 16-25 अल्लाह ने समुन्द्रों और उसमे जो कुछ भी है उसको काबू कर रखा है
  • 26-30 अल्लाह को किसी ने पैदा नही किया, वह हमेशा से था हमेशा रहेगा। बाकी सब जानदार चीज़ों को मौत आनी है
  • 31-40 अल्लाह हर मर्द और औरत का इन्साफ करेगा
  • 41-45 बेशक अल्लाह गुन्हेगारों को दोजख की आग में डालेगा
  • 46-78 अल्लाह ने जन्नत की खूबियाँ बयां की हैं


यह भी पढ़ें: - Surah Yaseen Benefits in Hindi

Surah Rahman in Hindi Text(सूरह रहमान हिंदी में)


बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।

1. अर रहमान
वही बेहद महेरबान खुदा है

2.अल लमल कुरआन
जिसने कुरान की तालीम दी

3. खलक़ल इंसान
उसी ने इंसान को पैदा किया

4. अल लमहुल बयान
और उसको बोलना सिखाया

5. अश शम्सु वल कमरू बिहुस्बान
सूरज और चाँद एक ख़ास हिसाब के पाबन्द हैं

6. वन नज्मु वश शजरू यस्जुदान
तारे और दरख़्त ( पेड़ ) सब सजदे में हैं

7. वस समाअ रफ़ाअहा व वदअल मीज़ान
उसी ने आसमान को बलंद किया और तराज़ू क़ायम की

8. अल्ला ततगव फिल मीज़ान
ताकि तुम तौलने में कमी बेशी न करो

9. व अक़ीमुल वज्ना बिल किस्ति वला तुख सिरुल मीज़ान
इन्साफ के साथ ठीक ठीक तौलो और तौल में कमी न करो

10. वल अरदा वदअहा लिल अनाम
और ज़मीन को उसने मख्लूक़ के लिए बनाया है

11. फ़ीहा फाकिहतुव वन नख्लु ज़ातुल अक्माम
जिसमें मेवे और खजूर के दरख़्त हैं, जिनके खोशों पर गिलाफ़ चढ़े हुए हैं

12. वल हब्बु जुल अस्फि वर रैहान
और जिसमें भूसे वाला अनाज और ख़ुशबूदार फूल होता है

13. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

14. खलक़ल इन्सान मिन सल सालिन कल फख्खार
उसने इंसान को ठीकरे जैसी खनखनाती हुई मिट्टी से पैदा किया

15. व खलक़ल जान्ना मिम मारिजिम मिन नार
और जिन्नात को आग के शोले से पैदा फ़रमाया है

16. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

17. रब्बुल मश रिकैनि व रब्बुल मगरिबैन
वही दोनों मशरिकों और दोनों मगरिबों का भी रब है

18. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

19. मरजल बह रैनि यल तकियान
उसने दो ऐसे समंदर जारी किये, जो आपस में मिलते हैं

20. बैनहुमा बरज़खुल ला यब गियान
लेकिन उन दोनों के दरमियान एक रुकावट है कि दोनों एक दुसरे की तरफ़ बढ़ नहीं सकते

21. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

22. यख रुजु मिन्हुमल लुअ लूऊ वल मरजान
उन दोनों से बड़े बड़े और छोटे छोटे मोती निकलते हैं

23. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

24. वलहुल जवारिल मून शआतु फिल बहरि कल अअ’लाम
और उसी के कब्जे में रवां दवा वो जहाज़ हैं जो समंदर में पहाड़ों की तरह ऊंचे खड़े हैं

25. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

26. कुल्लू मन अलैहा फान
जो कुछ भी ज़मीन पर है सब फ़ना होने (मिटने) वाला है

27. व यब्का वज्हु रब्बिका जुल जलालि वल इकराम
और सिर्फ़ आप के रब की ज़ात बाक़ी रहेगी जो बड़ी इज्ज़त व करम व करम वाली होगी

28. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

29. यस अलुहू मन फिस समावाति वल अरज़ि कुल्ला यौमिन हुवा फ़ी शअन
आसमानों ज़मीन में जो लोग भी हैं, वो सब उसी से मांगते हैं हर रोज़ उस की एक शान है

30. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

31. सनफ रुगु लकुम अय्युहस सक़लान
ए इंसान और जिन्नात ! अनक़रीब हम तुम्हारे हिसाबो किताब के लिए फारिग़ हो जायेंगे

32. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

33. या मअशरल जिन्नि वल इन्सि इनिस त तअतुम अन तन्फुजु मिन अक तारिस सामावती वल अरज़ि फनफुजू ला तन्फुजूना इल्ला बिसुल तान
ए इंसानों और जिन्नातों की जमात ! अगर तुम आसमान और ज़मीन की हदों से निकल भाग सकते हो तो निकल भागो मगर तुम बगैर ज़बरदस्त कुव्वत के नहीं निकल सकते

34. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

35. युरसलू अलैकुमा शुवाज़ुम मिन नारिव व नुहासून फला तन तसिरान
तुम पर आग के शोले और धुवां छोड़ा जायेगा फिर तुम मुकाबला नहीं कर सकोगे
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

36. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

37. फ़इजन शक़ क़तिस समाउ फकानत वर दतन कद दिहान
फिर जब आसमान फट पड़ेगा और तेल की तिलछट की तरह गुलाबी हो जायेगा

38. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

39. फयौम इज़िल ला युस अलु अन ज़मबिही इन्सुव वला जान
फिर उस दिन न किसी इंसान से उस के गुनाह के बारे में पुछा जायेगा न किसी जिन से

40. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

41. युअ रफुल मुजरिमूना बिसीमाहुम फ़युअ खजु बिन नवासी वल अक़दाम
उस दिन गुनाहगार अपने चेहरे से ही पहचान लिए जायेंगे, फिर वो पेशानी के बालों और पांव से पकड़ लिए जायेंगे

42. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

43. हाज़िही जहन्नमुल लती युकज्ज़िबू बिहल मुजरिमून
यही वो जहन्नम है जिसको मुजरिम लोग झुटलाया करते थे

44. यतूफूना बैनहा व बैन हमीमिन आन
वो दोज़ख़ और खौलते हुए पानी के दरमियान चक्कर लगायेंगे

45. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

46. व लिमन खाफ़ा मक़ामा रब्बिही जन नतान
और जो अपने रब के सामने खड़े होने से डरता था उसके लिए दो जन्नते हैं

47. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

48. ज़वाता अफ्नान
दोनों बाग़ बहुत सी टहनियों वाले ( घने ) होंगे
49. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

50. फीहिमा ऐनानि तजरियान
दोनों में दो चश्मे बह रहे होंगे

51. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

52. फीहिमा मिन कुल्लि फकिहतिन ज़वजान
उन बाग़ों में हर मेवे दो दो किस्मों के होंगे

53. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

54. मुततकि ईना अला फुरुशिम बताईनुहा मिन इस्तबरक़ वजनल जन्नतैनी दान
( जन्नती लोग ) ऐसे बिस्तरों पर आराम से तकिया लगाये होंगे जिन के अस्तर दबीज़ रेशम के होंगे और दोनों बाग़ों के फ़ल (क़रीब ही) झुके हुए होंगे

55. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

56. फ़ी हिन्ना कासिरातुत तरफि लम यतमिस हुन्ना इन्सून क़ब्लहुम वला जान
उन में नीची नज़र रखने वाली हूरें होंगी, जिन को उन से पहले न किसी इंसान ने हाथ लगाया होगा न किसी जिन ने

57. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

58. क अन्न हुन्नल याकूतु वल मरजान
वो हूरें ऐसी होंगी जैसे वो याकूत और मोती हों

59. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

60. हल जज़ा उल इहसानि इल्लल इहसान
भला अहसान ( नेक अमल ) का बदला अहसान ( बेहतर अज्र ) के सिवा कुछ और भी हो सकता है

61. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

62. वमिन दूनिहिमा जन नतान
और उन दो बाग़ों के अलावा दो और बाग़ भी होंगे

63. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

64. मुद हाम मतान
जो दोनों गहरे सब्ज़ रंग के होंगे

65. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

66. फीहिमा ऐनानि नज्ज़ा खतान
उन दोनों बाग़ों में दो उबलते हुए चश्मे भी होंगे

67. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

68. फीहिमा फाकिहतुव व नख्लुव वरुम मान
उन में मेवे, खजूर, और अनार होंगे

69. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

70. फिहिन्ना खैरातुन हिसान
उन में नेक सीरत ख़ूबसूरत औरतें भी होंगी

71. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

72. हूरुम मक्सूरातुन फिल खियाम
खेमों में महफूज़ गोरी रंगत वाली हूरें भी होंगी

73. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

74. लम यत मिस हुन्ना इन्सून क़ब्लहुम वला जान
उन से पहले न किसी इंसान ने हाथ लगाया होगा न किसी जिन ने

75. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

76. मुत तकि ईना अला रफ़रफिन खुजरिव व अब्क़रिय यिन हिसान
( जन्नती लोग ) सब्ज़ तकियों और खूबसूरत कालीनों पर टेक लगाये होंगें

77. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे

78. तबा रकस्मु रब्बिका ज़िल जलाली वल इकराम
आप के परवरदिगार, जो बड़े जलाल व अज़मत वाले हैं, उन का नाम बड़ा ही बा बरकत है

यह भी पढ़ें : - Surah Rahman in English Text

Surah Rahman Hindi Images


Surah-Rahman-Hindi-Images

Surah-Rahman-Hindi-Images

Surah-Rahman-Hindi-Images

Surah-Rahman-Hindi-Images

Surah-Rahman-Hindi-Images

Surah-Rahman-Hindi-Images

Surah-Rahman-Hindi-Images

Surah-Rahman-Hindi-Images


यह भी पढ़ें: - Surah Yaseen in Hindi Pdf

Surah Rahman Hindi Pdf Download


दोस्तों यहाँ हमने Surah Rahman English Pdf File उपलब्ध करायी है। आप इसे आसानी के साथ निचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक कर के आसनी के साथ डाउनलोड कर सकते हैं।

download button

Surah Rahman in Arabic Images


दोस्तों यहाँ हमने आपके लिए हिंदी में तो सूरह रहमान को मौजूद कराया है साथ-ही-साथ आप सूरह रहमान को अरबिक में भी पढ़ सकते है

यहाँ हमने Surah Rahman Arabic की फोटो उपलव्ध करायी है। आप यहाँ इसे पढ़ कर आसनी के साथ सूरह रहमान की अरबी और इसका उर्दू में मतलब समझ सकते हो

Page 1
Surah Rahman in Arabic

Page 2
Surah Rahman in Arabic

Page 3
Surah Rahman in Arabic

Page 4
Surah Rahman in Arabic

Page 5
Surah Rahman in Arabic

Page 6
Surah Rahman in Arabic

Page 7
Surah Rahman in Arabic

Page 8
Surah Rahman in Arabic

Surah Rahman Arabic Pdf Download


दोस्तों यहाँ हमने Surah Rahman English Pdf File उपलब्ध करायी है। आप इसे आसानी के साथ निचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक कर के आसनीं के साथ डाउनलोड कर सकते हैं।

download button

यह भी पढ़ें: - Surah Yaseen in English Pdf

Surah Rahman Audio or Mp3 Download


मेरे प्यारे भाइयों और बहनों जैसा की आपने इस पोस्ट में सूरह रहमान को सभी भाषाओं में टेक्स्ट और इमेजेज के जरिये पढ़ा ही होगा।

लेकिन अगर आप सूरह सुनना पसंद करते है, जिससे आपने दिल और दिमाग को आराम मिलता है।

उसके लिये हमने नीचे सूरह रहमान की Mp3 फाइल डाउनलोड करने का लिंक दिया है। यहाँ से आप आसानी के साथ Surah Rahman Ki Mp3 को डाउनलोड कर सकते हो।

download button

दोस्तों हमने आपके लिए हिंदी,इंग्लिश और अरबिक तीनों languages में Surah Rahman Text and PDF उपलव्ध करा दी है 

आप जिस भाषा में सूरह रहमान पढना चाहते है आसानी के साथ पढ़ सकते है


आपसे गुजारिश है की इस पोस्ट को जादा से जादा शेयर करें जिससे की आपके जरिये और लोग भी सूरह रहमान को पढ़ कर अल्लाह की रज़ा और बरकत हासिल कर सकें


Tags:- Surah Rahman Hindi Text | Rahman Surah Pdf Download | Surah in Hindi | Surah Ar Rahman in English 
NEXT ARTICLE
PREVIOUS ARTICLE
NEXT ARTICLE
PREVIOUS ARTICLE