Surah Quraish in Hindi | Pdf Surah Quraish in English and Arabic

Surah Quraish Hindi Mein मक्की सूरह है और इसमें 4 आयतें हैं। कुरान में यह 30वें पारा में मौजूद है। कुरान में यह Surah Quraish 106 नंबर की सूरत है

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  • इस में मक्का के कबीले ((कुरैश)) की चर्चा के कारण इस का यह नाम रखा गया है।
  • इस की आयत 1 से 3 तक में मक्का के वासी कुरैश के अपनी व्यापारिक यात्रा से प्रेम रखने के कारण जो यात्रा वह निर्भय और शान्त रह कर किया करते थे क्योंकि काबा के निवासी थे उन से कहा जा रहा है कि वह केवल इस घर के स्वामी अल्लाह ही की वंदना (उपासना) करें।
  • आयत 4 में इस का कारण बताया गया है कि यह जीविका और शान्ति जो तुम्हें प्राप्त है वह अल्लाह ही का प्रदान है। इस लिये तुम्हें उस का आभारी होना चाहिये और मात्र उसी की इबादत (वंदना) करनी चाहिये।

Surah Quraish Hindi Mein Tarjuma Ke Saath


(सूरह कुरैश हिंदी में)


बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।

1. लि ईलाफि कुरैश
चूँकि क़ुरैश को जाड़े और गर्मी के सफ़र से मानूस कर दिया है

2.  इलाफिहिम रिहलतश शिताई वस सैफ
तो उनको मानूस कर देने की वजह से

3. फल यअ’बुदू रब्बा हाज़ल बैत
इस घर (काबा) के मालिक की इबादत करनी चाहिए

4. अल्लज़ी अत अमहुम मिन जूअ व आमनहुम मिन खौफ
जिसने उनको भूख में खाना दिया और उनको खौफ़ से अमन अता किया



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Surah Quraish in Hindi Pdf Download


मेरे प्यारे दीनी भाइयों और बहनों जैसा की आपने ऊपर सूरह कुरैश को हिन्दी में तर्जुमा के साथ पढ़ा ही होगा। साथ ही साथ आपने Surah Quraish की Hindi Image भी देखी होंगी।

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Surah Quraish in Roman English with Transliteration


Bismillaahir Rahmaanir Raheem
In the name of God, the Most Gracious, the Most Merciful

1. lilafi quraish
For the covenants (of security and safeguard enjoyed) by the Quraish,

2. Eelafihim rihlata ashshita-iwassayf
Their covenants (covering) journeys by winter and summer,-

3. Fal y’abudu rabba haazal-bait
Let them adore the Lord of this House,

4. Allazi at’amahum min ju’inw-wa-aamana hum min khawf
Who provides them with food against hunger, and with security against fear (of danger).


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Quraish Surah in English Pdf Download


मेरे प्यारे दीनी भाइयों और बहनों जैसा की आपने ऊपर सूरह कुरैश को इंग्लिश में तर्जुमा के साथ पढ़ा ही होगा। साथ ही साथ आपने Surah Quraish की English Image भी देखी होंगी।

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Surah Quraish in Arabic with Urdu Tarjuma


ببِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ‎
شروع اللہ کے نام سے جو بڑا مہربان نہایت رحم والا ہے

﴾1﴿لِإِيلَافِ قُرَيْشٍ
قریش کے مانوس رکھنے کی وجہ سے ۔

﴾2﴿إِيلَافِهِمْ رِحْلَةَ الشِّتَاءِ وَالصَّيْفِ 
یعنی) سردیوں اور گرمیوں کے سفر سے ان کو مانوس رکھنے کی وجہ سے۔)

﴾3﴿فَلْيَعْبُدُوا رَبَّ هَٰذَا الْبَيْتِ
اس لیے انھیں چاہیے کہ وہ اس گھر کے مالک کی عبادت کریں۔

﴾4﴿ الَّذِي أَطْعَمَهُمْ مِنْ جُوعٍ وَآمَنَهُمْ مِنْ خَوْفٍ
جس نے بھوک کی حالت میں انھیں کھانے کو دیا، اور بدامنی سے انھیں محفوظ رکھا۔


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Surah Quraish in Arabic Pdf Download

मेरे प्यारे दीनी भाइयों और बहनों जैसा की आपने ऊपर सूरह कुरैश को अरबी में तर्जुमा के साथ पढ़ा ही होगा। साथ ही साथ आपने Surah Quraish की Arabic Image भी देखी होंगी।

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Surah Quraish Ki Mp3 or Audio File Download


मेरे प्यारे भाइयों और बहनों जैसा की आपने इस पोस्ट में सूरह कुरैश  को सभी भाषाओं में टेक्स्ट और इमेजेज के जरिये पढ़ा ही होगा।

लेकिन अगर आप सूरह सुनना पसंद करते है, जिससे आपने दिल और दिमाग को आराम मिलता है।

उसके लिये हमने नीचे सुरह की Mp3 फाइल डाउनलोड करने का लिंक दिया है। यहाँ से आप आसानी के साथ Surah Quraish Ki Mp3 को डाउनलोड कर सकते हो।

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Sabab Al-Nazul Surah Quraish


सूरह अल-कुरैश, कुरैश के बारे में नाजिल हुई थी और इस सूरह कुरैश में उन रहमतों के बारे में बताया गया था जो अल्लाह ने उन्हें अता की थीं।

उम्म हानी बिन्त अबी तालिब जिन्होंने बताया कि पवित्र पैगंबर (ﷺ) ने फ़रमाया: 
"अल्लाह ने कुरैश को सात खुशुशियात के साथ नवाज़ा है जो अल्लाह ने उनसे पहले किसी को नहीं दी और उनके बाद कभी किसी को नहीं देगा।

1. खलीफा (अल-खिलाफा) का पद उनमें से एक को दिया गया।

2. पवित्र घर (अल-हिजाबा) की हिरासत उनमें से किसी के द्वारा फ़र्ज़ की गई।

3. हज के दौरान हाजियों को (अल-सिकायाह) को पानी देना उनमें से किसी के द्वारा किया जाता है।

4. उनमें से किसी को ख्त्में नबूबत दी जाती है।

5. उन्हें हाथियों की फौज पर जीत दिलाई गई

6. उन्होंने सात साल तक अल्लाह की इबादत की जिसके दौरान किसी ने भी अल्लाह की इबादत नहीं की।

7. सूरह उनके बारे में नाजिल की गयी जिसमें उनके अलावा किसी और का जिक्र नहीं किया गया था (कुरैश की तालीम के लिए …)"।

पवित्र पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) की हदीस


कुछ हदीसों में कुरैश शब्द शामिल है। लेकिन उनका संदर्भ ख़ासतौर से सूरह अल-कुरैश से संबंधित नहीं है। हदीस इस प्रकार हैं:

वाथिला बिन अल-असका से रिबायत है, कि अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने कहा:

"वास्तव में अल्लाह ने इब्राहिम (عليه السلام) के बच्चों में से इस्माइल को चुना है, और उसने इस्माइल के बच्चों में से बनू किनानाह को चुना है, 

और उसने बनू किनानाह से कुरैश को चुना है, और उसने कुरैश से बनू हाशिम को चुना है, और उसने मुझे बनू हाशिम से चुना है।"

मुस्लिम और तिर्मिधि से संबंधित।

सूरह कुरैश की तफ़सीर व तशरीह


क़ुरैश किसे कहते हैं?


कुरैश अरब के एक क़बीले का नाम है जो मक्का में आबाद था और काबे की देख रेख उन के जिम्मे थी, और मक्का जहाँ न खेती थी और न ही जानवरों की परवरिश हो पाती थी क्यूंकि उन के लिए चारे का इन्तिज़ाम नहीं था और ऊँट की परवरिश इसलिए की जाती थी कि वो कांटेदार पौधों को भी अपनी ख़ुराक बना लेता है।

चूंकि कुरैश की रोज़ी रोटी का मदार तिजारत पर था और तिजारत के लिए ये लोग आम तौर पर दो सफ़र किया करते थे, एक सर्दी के मौसम में यमन  का क्यूंकि वहां का मौसम गर्म होता था।

और गर्मी के मौसम में शाम का क्यूंकि वहां का मौसम ठंडा होता था। लेकिन ये ऐसे इलाक़े थे जहाँ हुकूमत नाम की कोई चीज़ न थी।

चूंकि गरीबी बहुत थी इसलिए रास्ते में काफिलों के साथ लूट मार हो जाती थी और सफ़र करने वालों को जान माल का खतरा रहता था, लेकिन कुरैश कबीले वालों की हर कोई इज्ज़त व इहतिराम करता था और उन पर हमला नहीं करता था।

कबीला कुरैश पर कोई हमला क्यूँ नहीं करता था?


क्यूंकि लोग कहते थे ये काबे के मुतवल्ली हैं अल्लाह के घर के ज़िम्मेदार हैं जो लोग मक्का जाते हैं उन की ये लोग मेहमान नवाजी करते हैं इसलिए पूरे सफ़र में क़ुरैश को कोई नहीं छेड़ता था, ख़ास कर असहाबे फ़ील के वाकिये के बाद तो लोगों की निगाह में कुरैश की इज्ज़त और बढ़ गयी।

कुरैश पर अल्लाह के तीन इनआम


इसलिए इस सूरह में अल्लाह तआला ने कुरैश को तीन इनआमों के अहसान याद दिलाये हैं और ये तीनों इनआम उनको काबे की वजह से ही हासिल थे

1. गर्म और ठन्डे मौसम में उनका बेख़ौफ़ो खतर ( बगैर किसी डर व खौफ़ के ) लम्बा तिजारती सफ़र करना।

2. ऐसी सरज़मीन में बसने के बावुजूद जहाँ न पानी था और न घास उगती थी फिर भी खाने पीने की चीज़ें मुहय्या हो जाना।

3. कोई ऐसी हुकूमत न थी जो अमन कायम करती हर तरफ जानो माल का खतरा लेकिन ऐसे हाल में भी उनका महफूज़ रहना।

अल्लाह तआला ने इन तीन इनामों को ज़िक्र किया जो मक्का के कुरैश कबीले को अल्लाह के घर (काबा) की खिदमत की वजह से हासिल हुआ | तो अगर उन पर ये इनआम किये गए हैं तो उनको भी चाहिए कि शुक्राने के तौर पर वो बुतों को पूजने के बजाये इसी घर के मालिक की इबादत करें।

सूरह कुरैश का सबक़


इस सूरह में सबक का एक अहम पहलू ये है कि ज़िन्दगी की ज़रूरतों का पूरा होना और अमनो- अमान अल्लाह की दो बड़ी नेअमतें हैं।

अगर ये किसी को हासिल हों तो ये समझ लो कि उसे दुनिया की तमाम नेअमतें हासिल हैं और फिर उसका फ़रीज़ा ये बनता है कि उसके लिए अपने परवरदिगार का शुक्र अदा करे।

Surah Al-Quraish Benefits in Hindi(सूरह कुरैश के फायदे)


सूरह अल-कुरैश की तिलावत और इसको हिफ्ज़ करने के फवायिद मुस्तकिल तौर पर लम्बे समय से मुख्तलिफ दीनी किताबों और फरमानों में बयान किये गए है।

लेकिन इन फवायिद को शायद ही पवित्र पैगंबर (ﷺ) की किसी हदीस द्वारा बताया गया हो। हालांकि बड़ी संख्या में मुसलमान इन फवायिद को अमल में ले रहे हैं।

सूरह अल-कुरैश की तिलावत और इसे याद करने की वजह।

1. सूरह कुरैश की तिलावत करने से हृदय रोग दूर होते हैं।

2. खाने के बीमारी करने वाले असरात दूर होते हैं।

3. तुलु आफताब (सूर्योदय) से पहले सूरह कुरैश की तिलावत करने से रिज्क तलाश करना आसान हो जाता है।

4. इस सूरह कुरैश की तिलावत करने वाला उसके जैसा है जिसने काबा तैयबा का तवाफ़ किया और उसमें में रहा हो।

5. इस सूरह कुरैश की तिलावत करने बाले के लिए मस्जिदे नब्बी में नमाज़ पढने और तवाफ़ करने वालों की संख्या का दस गुना इनाम मिलेगा।

6. जो बार-बार सूरत की तिलावत करता है। अल्लाह उसे, क़यामत के दिन उसे जन्नत की सबारी में से एक सबारी देगा। जो उसे जन्नत के एक बहुत ही चुने हुए हिस्से में ले जाएगी।

7. अगर खाने से पहले सूरह की तिलावत की जाए, यह खाना, खाने वाले को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और यह हर बीमारी का इलाज होगा, इंशाल्लाह।

8. दिल के रोगियों को इस सूरह कुरैस की तिलावत करना चाहिए और फिर धीरे से पीने के पानी में फूंक मारकर पीना चाहिए।


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