Surah An Nasr in Hindi, मदनी सूरह है और इसमें 3 आयतें हैं।
कुरान में यह सूरह अन नस्र के नाम से 30वें पारा में मौजूद है।
यह
Surah Nasr 110वीं सूरह है।
Ija Ja A Nasrullah Surah के बारे में कुछ बातें
- आयत 1 में अल्लाह की मदद आने तथा मक्का की फतह की बात की गयी है।
- आयत 2 में लोगों के गिरोहों में इस्लाम लाने की बात की गयी है।
- आयत 3 में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अल्लाह का यह तोहफा मिलने पर अल्लाह की हम्द व सना बयान करने की हिदायत दी गयी है।

Ija Ja A Nasrullah Surah Hindi Me Tarjuma Ke Saath
(सुरह अन नस्र हिंदी में)
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।
1. इजा जा अ नसरुल लाहि वल फतह
ऐ रसूल जब ख़ुदा की मदद आ पहँचेगी
2. वरा अयतन्नासा यदखुलूना फी दीनिल ल्लाही अफ़वाजा
और फतेह (मक्का) हो जाएगी और तुम लोगों को देखोगे कि गोल के गोल ख़ुदा के दीन
में दाख़िल हो रहे हैं
3. फसब्बिह बिहम्दि रब्बिका वस्तग फिरहु इन्नहू काना तौव्वाबा
तो तुम अपने परवरदिगार की तारीफ़ के साथ तसबीह करना और उसी से मग़फेरत की दुआ
माँगना वह बेशक बड़ा माफ़ करने वाला है
Surah An Nasr Hindi Hindi Image

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Surah An Nasr in Hindi Pdf Download
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सूरह अन नस्र को हिन्दी में तर्जुमा
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Iza Ja A Nasrullah Surah in English with Transliteration
Bismillah Hir Rahman Nir Raheem
In the name of Allah, The Most Gracious and The Most Merciful
1. Iza jaaa’a nasrul-laahi walfath
When the victory of Allah has come and the conquest,
2. Wa ra-aitan naasa yadkhuloona fee deenil laahi afwajaa
And you see the people entering into the religion of Allah in multitudes,
3. Fasabbih bihamdi rabbika wastaghfirh, innahoo kaana tawwaaba
Then exalt [Him] with praise of your Lord and ask forgiveness of Him.
Indeed, He is ever Accepting of repentance.
Surah Nasr English Image

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Surah Nasr in English Pdf Download
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Surah An Nasr in Arabic with Urdu Tarjuma
ببِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
شروع اللہ کے نام سے جو بڑا مہربان نہایت رحم والا ہے
إِذَا جَآءَ نَصْرُ ٱللَّهِ وَٱلْفَتْحُ
(جب خدا کی مدد آ پہنچی اور فتح (حاصل ہو گئی
وَرَأَيْتَ ٱلنَّاسَ يَدْخُلُونَ فِى دِينِ ٱللَّهِ أَفْوَاجًا
اور تم نے دیکھ لیا کہ لوگ غول کے غول خدا کے دین میں داخل ہو رہے ہیں
فَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ وَٱسْتَغْفِرْهُ ج إِنَّهُۥ كَانَ تَوَّابًۢا
تو اپنے پروردگار کی تعریف کے ساتھ تسبیح کرو اور اس سے مغفرت مانگو، بے شک
وہ معاف کرنے والا ہے
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Surah An Nasr Arabic Image
Surah An Nasr in Arabic Pdf Download
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Surah Nasr Ki Mp3 or Audio File Download
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों जैसा की आपने इस पोस्ट में
सूरह अन नस्र को सभी भाषाओं में टेक्स्ट और इमेजेज के जरिये पढ़ा ही होगा।
लेकिन अगर आप सूरह सुनना पसंद करते है, जिससे आपने दिल और दिमाग को आराम मिलता
है।
उसके लिये हमने नीचे सुरह नस्र की Mp3 फाइल डाउनलोड करने का लिंक दिया
है। यहाँ से आप आसानी के साथ Surah Nasr Ki Mp3 को डाउनलोड कर सकते
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Meaning Of Surah An Nasr
सूरन अन-नस्र के लफ्ज़ी मायने होते है "मदद" या "सहायता" है,
यानी अल्लाह की तरफ से एक इलाही मदद। क्युकी अल्लाह ने मक्का मुकर्रमा को फतह
करने में मदद की।
अल्लाह सुभानहु वात 'अला ने उन लोगों को सहायता दी जिन्होंने पैगंबर मुहम्मद
सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दींन को क़ुबूल किया था।
यह सब उन्होंने अल्लाह की मदद से किया और लोगों ने दीन कुबूल किया।
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The Virtue & Benefit of Surah An-Nasr
Surat Nasr को एक बार पढ़ने का मतलब होता है कि हमने एक चौथाई कुरान पढ़ लिया
क्यूंकि सूरह नस्र, 1/4 कुरान के बराबर है। इसलिए आप इस सूरत नस्र को कम अज कम
एक मर्तवा पढ़कर बेहद फ़ज़ीलत और फवायिद हासिल कर सकते है।
खुसूसियात और इन्कशाफात का मकसद
इस सूरह नस्र से मुराद इस्लाम की फतह से है मुसलमानों की दुश्मनों समेत दूसरों
पर फतह थी।
Surah Nasr का दूसरा नाम Surah At-Tawdi. Tawdi के मायने होते
है "विदा लेना"। यहाँ विदा लेने के मायने है कि पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम
के इस दुनिया से चले जाना है।
हज़रत अब्दुल्ला बिन उमर रदी अल्लाहु अन्हु के मुताबिक़, इस सूरह को मीना में
तशरिक (ईद-उल-अज़हा के अगले 3 दिनों के बाद) के बीच में अलविदाई सफर के मौके पर
नाजिल किया गया था।
Surah An-Nasr सूरह अन-नस्र आखिरी सूरह थी जो प्यारे पैगंबर सल्लल्लाहु
अलैहि वसल्लम पर पूरे तौर पर नाजिल हुई थी। इस सूरह के बाद कोई मुकम्मल सूरह
नाजिल नहीं हुई।
ज्यादा मख्सूसी होने की बजह से सूरह नस्र वाहिद आखरी सूरह थी जो एक ही बार में
मुकम्मल तौर पर नाजिल हुई और सूरह फातह पहली सूरह थी जो एक ही बार में
मुकम्मल तौर पर नाजिल हुई।
The Meaning of the words of this Surah Nasr
- Iza- जब
- Ja-a- आती है
- Nasru- मदद
- ALLAHi- अल्लाह की
- wal-fat-hu- और फतह
- wara-ayta- और आप देखते है
- l-naasa- अवाम
- yadkhuloona- दाखिल होते हुए
- Fee- में
- Deeni- दीन (इस्लाम)
- l-laahi- (के) अल्लाह
- afwaajan– (में) कसीर तादाद
- fasabbih- फिर तस्वीह करें
- bi’hamdi- तारीफ़ के साथ
- rabbika- अपने रब की
- wa-istaghfirhu- और उससे माफ़ी मांगे
- innahu- बेशक, वो
- kaana- है
- tawwaaba- बड़ा माफ़ करने बाला
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Some Hadith of Surah An Nasr
1. सैय्य्दः आयशा रदी अल्लाहु अन्हा से रिवायत है:
"जब सूरत-एन-नस्र", 'अल्लाह की मदद और फतह की बात आती है,' पैगंबर
सल्लाहू अलैह बसल्लम पर नाजिल की गयी - तो नबी सिवाय इसके कि ने कोई दुआ
नही की सिर्फ यह दुआ की,
“सुभ्हनाका रब्बाना वा बिहमदिका; अल्लाहुम्मा अघफिरली (मैं अपने रब की
विशिष्टता की गवाही देता हूं, और तमाम तारीफें उसके लिए हैं: ऐ अल्लाह, मुझे
माफ़ फरमा!" (सहीह अल-बुखारी 4967)
2. सैय्य्दः आयशा रदी अल्लाहु अन्हा से रिवायत है:
“अल्लाह के रसूल सल्लाहू अलैह बसल्लम झुकते और सजदह करते वक्त अक्सर कहा करते
थे: सुभ्हाना कल्ला हुम्मा बबि हम्दिका, अल्लाहुम्गफिरली,
"कुरआन पाक के जरिये दिए गए हुकुम की तामील करते हुए, ऐ अल्लाह और आपकी बढ़ाई
बयान करते हुए, ऐ अल्लाह मैं आपसे माफी मांगता हूँ मुझे माफ़ फरमा"
3. हदीस में है कि
इस तरह के नजूल उतरने के बाद से आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) अपनी नमाज़ (के
रुकूअ और सजदे) में अधिक्तर ((सुब्हानका रब्बना व बिहम्दिका अल्लाहुम्मगफिर
ली)) पढ़ा करते थे। (सहीह बुख़ारीः 4967, 4968)
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