Tabbat Yada Abi Lahab Surah in Hindi | Benefits of Surah Lahab Hindi

Tabbat Yada Abi Lahab Surah in Hindi मक्की सूरह है और इसमें 5 आयतें हैं।
कुरान में यह सूरह लहब के नाम से 30वें पारा में मौजूद है। यह Surah Lahab 111वीं सूरह है।

तब्बत यदा अबी लहब में "लहब" शब्द आया है जिसका मतलब होता है "तबाह हो जाना"

Tabbat-Yada-Abi-Lahab-Surah-in-Hindi

अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) ने जब इस्लाम की तबलीग शुरू की तो सब से ज्यादा अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) को उनके चचा “अबू तालिब” का साथ मिला था और उनके चाचा ही थे जिन की तरफ से सब से ज्यादा तकलीफ पहुंची।

Tabbat Yada Abi Lahab Surah Hindi me Tarjuma Ke Saath

(सुरह लहब हिंदी में)

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।

1. तब्बत यदा अबी लहबिव वतब्ब
अबू लहब के दोनों हाथ टूट जाएँ और वो हलाक हो जाये

2. मा अगना अन्हु मलुहू वमा कसब
न तो उसका माल उसके काम आया न तो उसकी कमाई

3. सयसला नारन ज़ात लहब
अब वो भड़कती आग में दाखिल होगा

4. वम रअतुहू हम्मा लतल हतब
और उसकी बीवी भी जो सर पर लकड़ियाँ लाद कर लाती है

5. फिजीदिहा हब्लुम मिम मसद
उसके गले में एक खूब बटी हुई रस्सी होगी

Tabbat Yada Abi Lahab Surah Hindi Hindi Image


सूरह-लहब-हिंदी-में


यह भी पढ़ें:- Surah Rahman English Transliteration

Tabbat Yada Abi Lahab Surah in Hindi Pdf Download


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Tabbat Yada Abi Lahab Surah in English with Transliteration


Bismilla hir-rahmani r-rahim

1. TABBAT YADA ABI LAHABIW WATABB
May the hands of Abu Lahab be ruined, and ruined is he.

2. MA AGNA ANHU MALUHU WAMA KASAB
His wealth will not avail him or that which he gained.

3. SAYASLA NAARAN ZATA LAHAB
He will [enter to] burn in a Fire of [blazing] flame

4. WAM RA ATUHU HAMMA LATAL HATAB
And his wife [as well] – the carrier of firewood.

5. FIJIDIHA HABLUM MIM MASAD
Around her neck is a rope of [twisted] fiber.

Surah Lahab English Image


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Surah Lahab in English Pdf Download


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Surah Lahab Ki Mp3 or Audio File Download


मेरे प्यारे भाइयों और बहनों जैसा की आपने इस पोस्ट में Soorah Lahab को सभी भाषाओं में टेक्स्ट और इमेजेज के जरिये पढ़ा ही होगा।

लेकिन अगर आप सूरह सुनना पसंद करते है, जिससे आपने दिल और दिमाग को आराम मिलता है। तो आप आसानी के साथ सूरह लहब की Mp3 को डाउनलोड कर सकते है

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"Abu Lahab" Ko "Abu Lahab" Kyun Kehte Hai?

(अबू लहब को अबू लहब क्यूँ कहा जाता था?)


"अबू लहब" को उनकी खूबसूरती की वजह से "अबू लहब" कहा जाता था। वैसे उनका असली नाम “अब्दुल उज्ज़ा” था।

जिसका मतलब होता है कि ऐसा शख्स जिसका चेहरा शोले की तरह दमकता हो। बैसे तो अबू लहब  अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम)  के चचा थे, मगर उन्होंने मरते दम तक इस्लाम क़ुबूल नही किया।

अबू लहब की बीवी का नाम "उम्मे जमील" था | अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम)  के नबी बनाये जाने के बाद जब तक अबू लहब और अबू लहब की बीवी जिंदा रहे अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम)  को तकलीफ पहुँचाते रहे।

Surah lahab कब नाजिल हुई?


जब अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) को अल्लाह तआला ने हुकुम किया और आप पहली बार सफा पहाड़ी पर चड़े और फिर आपने मक्का के लोगो को जमा होने को फ़रमाया।

ऐसा इसलिए किया क्यूंकि अल्लाह का हुक्म था, इसलिए आपने सफा पहाड़ी पर चढ़ कर मक्का के लोगों को इस्लाम की दावत पेश की तो अबू लहब ने कहा: "हलाक हो जाओ तुम, क्या तुमने हमें इसलिए जमा किया।"

उस मौके पर ही अल्लाह की जानिब से यह सूरह लहब  नाजिल हुई।

Hadith About Surah Al Lahab


इब्ने अब्बास रजिअल्लाहु अन्हु से रिबायत है कि 
पैगंबर (ﷺ) सफा (पहाड़) पर चढ़ गए और पुकारने लगे, "हे बनी फ़िहर! ओ बनी `आदि!" कुरैश के विभिन्न कबीलों को तब तक पुकारते रहे जब तक वे इकट्ठे नहीं हो गए।

जो खुद नहीं आ सके, उन्होंने अपने कासिदों को यह देखने के लिए भेजा कि वहाँ क्या है।

अबू लहब और कुरैश के दूसरे लोग आए और पैगंबर (ﷺ)  ने फिर फ़रमाया, "मान लीजिए कि मैंने तुमसे कहा था कि घाटी में एक (दुश्मन) घुड़सवार है जो आप पर हमला करने का इरादा रखता है, क्या तुम मुझ पर यकीन करोगे?"

उन्होंने कहा, "हाँ, क्योंकि हमने तुम्हें सच के सिवा और कुछ कहते नहीं पाया।" फिर अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया, "मैं तुम्हे एक खौफनाक अजाब से डराने बाला हूँ।"

अबू लहब ने (अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम से) कहा, "क्या इस मकसद के लिए आपने हमें यहाँ इकठ्ठा किया?"

फिर ये इरशाद हुआ: "अबू लहब (पैगंबर के चाचाओं में से एक) के अबू लहब के दोनों हाथ टूट जाएँ और वो हलाक हो जाये, उसकी दौलत और उसके बच्चे उसे कोई फायदा नही देंगे …।"(सूरह 111 आयत 1-5) Sahih Al Bukhari Arabic reference: Book 65, Hadith 4770


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Benefits of Surah Al Lahab


1. गैर अख्लाकी काम को करने से डरना

सूरह अल लहब को पढ़कर जहन्नुम के अजाब से डरना चाहिए, यह बहुत जरूरी है कि सभी मुसलमानों को अल्लाह से अधिक डरना चाहिए

अगर वो कोई गैर अख्लाकी काम करता है और ख़ास तौर पर इस्लाम में बदकारी और बदकारी से मुताल्लिक माअमलात में अल्लाह सुब्हाना  व तआला से डरना आवश्यक है।
   
अगर हम सूरह अल लहब की तिलावत करते है तो हमारे अंदर जहन्नुम के अजाब का डर पैदा होगा और हम अल्लाह की नाफ़रमानी करने से डरिंगे।

2. बारिश का इन्काद यानी अल्लाह से बारिश को रोकने की दुआ

अगर कोई कोई शादी या किसी दुसरे दीनी प्रोग्राम में जा रहा हो और सफ़र में बारिश हो जाये तो उस शख्स को चाहिए कि सूरह अल लहब की तिलावत करे, इंशा अल्लाह, अल्लाह सुब्हाना व तआला उसकी दुआ क़ुबूल कर लेंगे।

3. किसी की धमकी या डर का सामना करना

Surah Al Lahab इंसान के लिए सफाअत और डर से फ़ज़ीलत मुहय्या कराती है।

मान लो किसी ने हमें डराया गया और बिलाबासते धमकी दी गयी तो हमें उस शख्स का सामना करने के वक्त दो बार सूरह लहब की तिलावत करके उससे बात करनी चाहिए।

4. तकलीफ दह जिन्दगी से दूर

Surah Al Lahab से एक और फायदा हासिल किया जा सकता है, जैसा की कोई शख्स है जो अबू लहब जैसा किरदार रखता हो, जो इस्लाम में बोहतान लगाना पसंद करता हो तो उसे यकीनी तौर पर तकलीफ से भरी जिन्दगी का सामना करना पड़ेगा।

लेकिन अगर बह शख्स इस तकलीफ की जिन्दगी से बाहर निकला चाहता है तो उसे चाहिए की सूरह लहब की तिलावत करे।


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