Surah Yaseen Benefits | Benefits of Surah Yaseen 41 Times

Surah Yaseen Benefits in Hindiसूरह यासीन के फायदे जानने के लिए पोस्ट पूरा पढ़ें

सूरह यासीन को कुरान मजीद का दिल भी कहा जाता है। अलग-अलग मुमुअलिक में अलग अलग तलफ्फुज से सूरह यासीन शरीफ पुकारी जाती है।

माने इसके एक जैसे ही है। मिसाल के तौर पर कहीं सूरत यासीन, सौरे यासीन फिर सूरह यासीन। अज हम पोस्ट में सूरह-ए-यासीन शरीफ के फायदे और वजीफा के बारे में बात करेंगे इंशा अल्लाह।

कुरान, अल्लाह की सबसे अच्छी नाजिल की हुई गैबीय और सीधी राह दिखाने वाली किताब है जिसको अल्लाह ने हुजुरे पाक सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम के जरिये मुसलमानों तक पहुंचाया।

कुरान मजीद के प्रत्येक शब्द को पढने पर, मुसलमानों को दस नेकीयां मिलती है। कुरान को रोज़ पढने पर तो नेकी मिलती ही है लेकिन कुरआन में कुछ सूरतों को पढने से कुछ जादा नेकीयां भी हासिल की जा सकती हैं।

Surah Yaseen Benefits

सूरह यासीन को पवित्र कुरान में सबसे काबिल एहतराम सूरह में शुमार किया गया है।

दुनिया भर में मुस्लिम युवा इसे पढ़ते हैं, इसे याद करते हैं और नाकाबिल यकीन पाकीजगी और सम्मान के साथ इसको पढने में मुब्तला रहते हैं।

हमारे प्यारे पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम द्वारा मख्सूश सूरह यासीन के फायदे  के बड़े बकार के पीछे एक कारण है कि उनके अलग-अलग बयान में इसको पढने के विभिन्न फायदे हैं।

नीचे हमने सूरह यासीन को पढ़ने के अहम फायदों को बयां किया है।

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Surah Yaseen-The Heart of Quran


Surah Yaseen Benefits


हमारे प्यारे पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम ने फ़रमाया:

"बेशक, हर चीज़ में एक दिल होता है, और क़ुरान का दिल यासीन है। मैं चाहता हूं कि यह मेरे उम्माह के हर मोमिन के दिल में रहे।" -तफ़सीर-अल-सबुनी, आयतन:2

हर चीज का एक दिल होता है और कुरान का दिल सूरह यासीन है। यह इस सूरह की अहमियत को दिखाता है क्योंकि पवित्र कुरान के एक शब्द में दस इनाम हैं तो बेसक इस पाक किताब (कुरआन मजीद) का दिल (सूरह यासीन) उससे बड़ा इनाम लाएगा।

इससे एक और बात साफ़ है कि पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम ने अपने मानने बालों द्वारा इस सूरह को हिफ्ज करने और हिफ्ज कराने के लिए अपनी तश्दीक की।

गुनाहों का खात्मा ( Surah Yaseen Benefits in Abolition of Sins)


सूरह यासीन के माफ़ी के फवायिद पर हमारे प्यारे पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम ने फ़रमाया:

"जिसने रात में अल्लाह की मंजूरी के लिए सूरह यासीन को पढ़ा, अल्लाह उसे माफ कर देगा।" 
इब्न हिब्बन, दारीमी 3283/ए, अबू याला, तबरानी, ​​​​बैहाकी और मर्दवैह।

यदि कोई व्यक्ति रात के दौरान अल्लाह को मुतमईन करने के पाक और सच्चे इरादे से सूरह यासीन पढ़ता है, इंशा अल्लाह वह अगली सुबह गुनाहों से साफ़ हो जाएगा।

इसके बाद, यदि कोई मोमिन केवल अल्लाह शुव्हाना व ताला को राज़ी करने के लिए सोने से पहले सूरह यासीन को पढ़ना शुरू करता है, तो उसे यकीनी होना चाहिए कि सोते समय उसके गुनाह माफ़ कर दिए गए हैं।


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शानदार इनाम (Surah Yasin Benefit as Magnificent Reward)


हमारे पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम ने सूरह यासीन को पढ़ने का एक फायदा बताया हैं:

जो कोई सूरह यासीन पढ़ता है, अल्लाह उसे इनाम देता है जो पूरे कुरान को पढ़ने के बराबर है। ” 
तिर्मिजि 2812/अ

इन हदीसों को किसी वजाहत की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम ने यह साफ़ तौर से बयां किया है कि सूरह यासीन को एक बार पढ़ना पवित्र कुरान को दस बार पढ़ने के बराबर है।

इससे साफ़ जाहिर है की हर मोमिन को चाहिए की वह सूरह यासीन को सच्यचे दिल से याद कर ले और दिन में कई बार पढ़कर इससे अल्लाह का इनाम हासिल करे। सूरह यासीन की अहमियत इंसान के समझ से परे है।


एक और Surah Yaseen Ka Fayda

आसानी से मौत (Yasin Surah Help Eases the Death Fayda)


Surah Yaseen Benefits

मौत को आसान बनाता है, हमारे प्यारे पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम ने इरशाद फ़रमाया:

"मरने वालों पर यासीन पढ़ो।" -सनन अबी दाऊदी

इस हदीस से साफ़ जाहिर है कि सूरह यासीन को मरने वाले के करीब पढ़ने की सलाह दी जाती है। एक व्यक्ति जो इस दुनिया को छोड़ रहा है।

तो हमें चाहिए की उसके करीब सूरह यासीन की तिलाबत की जाये जिससे उसको मौत में आसानी हो और मौत के फरिस्ते उसकी रूह को आसानी के साथ कब्ज करें। 

इसलिए इस समय कुरान का दिल पढ़ा जाना चाहिए।


जिन्दगी के मसाइल में मदद (Surah Yaseen Helps in Life Issues Benefits)


हर दिन यासीन का पढ़ने से आपको इस दुन्याबी जिन्दगी की समस्याओं को हल करने में मदद मिलती है और जिन्दगी जीना आसान हो जाती है।

सूरह यासीन को पढ़ने वालों को अल्लाह बरकत अता फरमाता है। यह सूरा दिल से कई तरह के डर को खत्म करने के लिए भी जाना जाता है।

Surah Yaseen ke Fayde

जरुरयात को पूरा करना (Surah Yaseen Fulfills the Needs)


अता बिन अबी रिबाह से नक़ल किया है, कि पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम ने इरशाद फ़रमाया;

"जो कोई दिन की शुरुआत में सूरह यासीन पढ़ता है, उस दिन उसकी सभी ज़रूरतें पूरी हो जाएंगी।"

यदि आप चाहते है की अल्लाह की रहमत आप पर नाजिल हो, तो फज्र में सूरह यासीन पढ़ने की आदत डालने की कोशिश करें।

आप महसूस करिंगे कि उस दिन आपके रास्ते में आने वाली सभी मुसीबतों और समस्याओं से आप कितनी आसानी से पार हो गए। साथ ही, अल्लाह आपकी पूरी हिफाजत करेगा और आपकी सभी जरूरतों को पूरा करेगा।

कुरान पढ़ना अपने आप में एक इनाम रहा है। हम खुशकिस्मत हैं कि हमें कुरान के रूप में अल्लाह का संदेश मिला है और इस मोज्जाने अल्लाह की किताब को पढ़ने और समझने का मौका मिला है।
 

अल्लाह सभी मोंमिनो को कुरान और उसके खूबसूरत सूरह की समझ दे। 
अमीन।

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मादीत पसंद फवायिद (Surah Yaseen Materialistic Benefits)


आज के समय में इंसान चूहे की दौड़ में है और अपनी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजाना चुनौतियों का सामना करता है।

हम मुसलमानों का मानना है की जो कुछ भी दुनिया में मौजूद है सबकुछ अल्लाह का बनाया है और इन सब चीजों को बनाने के पीछे अल्लाह का मकसद इंसान की दुन्याबी जिन्दी की जरूरयात है।

हमें चाहिए कि हम दीन पर चलते हुए इन दुन्अयाबी चीजों से फायदा हासिल करें।

"अता बिन अबी रिबाह से नक़ल किया गया है, कि पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम ने इरशाद फ़रमाया;

"जो कोई दिन की शुरुआत में सूरह यासीन पढ़ता है, उस दिन उसकी सभी ज़रूरतें पूरी हो जाएंगी।"

इससे बड़ी खबर और क्या हो सकती है कि अगर आप सुबह रोजाना सूरत यासीन पढ़ते हैं तो अल्लाह आपकी सभी जरूरतों के लिए जिम्मेदार होगा।

"पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम ने इरशाद फ़रमाया, 

"जो कोई भी सुबह के समय सूरह यासीन पढ़ता है, अल्लाह उसकी जरूरतों को पूरा करने की जिम्मेदारी लेगा।"

सेहत के लिए (Surah Yasin Health Benefits)


बेशक, सेहत होगी तभी हम इबादत कर सकते है।

खुशकिस्मत और इबादतगार जिन्दगी जीने के लिए बेशक हमें अच्छी सेहत की आवश्यकता होती है। 

मुसलमानों होने के नाते, हम यह भी मानते हैं कि अल्लाह हमें सेहत अता करता है। इन दिनों कई अनजानी बीमारियां और समस्याएं हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

बेशक, हमें उचित देखभाल की भी आवश्यकता है, लेकिन सूरह यासीन को पढ़ने से हम रूहानी रूप से हमारी बीमारियों के खिलाफ हमारी मदद कर सकते हैं।

किसी भी स्वास्थ्य विकार या प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं के मामले में, सूरह यासीन अत्यधिक प्रभावी है। सबसे बढ़कर यह दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान भी करता है।

सबसे खास बात यह है कि इसके शक्तिशाली वजीफ मरीजों को अनजानी बीमारियों से भी बचा सकते हैं।

क़यामत के दिन फायदा (Yaseen Benefits On The Day Of Judgment)


अल्लाह ने हमें अपनी इबादत के लिए भेजा है। हम मुसलमान के रूप में जानते हैं कि हम अपने हर काम के लिए जवाबदेह हैं। क़यामत के दिन जब हिसाब-किताब होगा तब उस दिन कामयाब होने के लिए हमारी अपनी नेकिया ही काम आयिंगी।

"जो व्यक्ति सूरा ए यासीन को रोज पढ़ता है, वह इस इस दुनिया में और आखिरत में भी ऊंचा होता है। सूरा ए यासीन को "रफ़ीह ख़फ़ीदह" के नाम से जाना जाता है।

अल्लाह सूरह यासीन के पढ़ने वालों के लिए फैसले के दिन खासुसी बरकत और इनाम अता करेगा।

"जो व्यक्ति सूरह यासीन को पढ़ता और याद करता है वह अल्लाह की नेमत के साए में होगा।"

Surat Yaseen Shareef Ke Alag-Alag Fazail


सूरत यासीन को कुरान शरीफ का दिल कहा गया है ये हर मोमिन को मालुम है। अगर कोई शख्स रोज़ाना इस आयत की तिलावत करता है तो अल्लाह की हिफाज़त और रहमत हम पर नाजिल होगी।

Surah Yaseen ki Tilawat से हमें कई मुफीद फायदे भी हासिल होएँगे इंशा अल्लाह। हदीस शरीफ में सूरत यासीन के केई फजैल बेयां किए गए हैं। जैस:

चार कुरान पढ़ने का सवाब


जिस किसी शख्स ने सूरह यासीन शरीफ को एक बार पढ़ा उसे इंशाअल्लाह , अल्लाह चार कुरान शरीफ पढ़ने का सवाब देगा।

कुबूलियत हाजत के लिए सूरह यासीन का पढ़ना


अता बिन अबी रबाह रदिअल्लाहु अन्हु से रिवायत है के हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया, "जो शख्स रोज़ाना दिन के आगाज़ में सूरह यासीन पढ़ ले उसकी तमाम हाजतें पूरी होंगी।"

खुशियां हासिल करने के लिए यासीन का पढ़ना


जो शख्स बा-वुज़ू सूरत यासीन को दिन के शुरुआती हिस्से में पढ़ेगा, वो रात तक इंशा अल्लाह खुश-ओ-खुरम रहेगा।

और जो कोई शख्स शूरु रात में इसे पढ़ेगा, वो सुबह तक खुश-ओ-खुरम रहेगा।
रोज़ाना किसी एक नमाज़ के बाद भी सूरत यासीन की तिलावत की जा सकती है।

हर क़िस्म की हाजत के लिए अफज़ल तरीन वज़ीफ़ा


सूरत यासीन में 4 मरतबा 'अर-रहमान' का लफ्ज आया है और 3 मरतबा लफ्ज 'अल्लाह' आया है।

इसी तरह सूरह मुल्क में भी लफ्ज 'अर-रहमान' 4 मरतबा और लफ्ज 'अल्लाह' 3 मरतबा आया है। इन दोनो सूरतों का ये अमल बहुत मुफीद और मुजर्रिब माना जाता है।

नीचे हमने अमल का तरीका बताया है उसे जरूर देखें।

अमल करने का तारीका(Surah Yaseen Ka Wazifa)


ये अमल किसी भी दिन और किसी भी मुनासिब वक्त पे शुरू कर सकते हैं।

1. सबसे पहले अच्छे तरीके से वुज़ू कीजिये;

2. सूरत यासीन को तरीके से पढ़ना शुरू कीजिये के लफ्ज 'अर-रहमान' जब आऐ तो अपने दाहिने (सीधे) हाथ की एक उंगली बंद कर ले और लफ्ज 'अल्लाह' जिस जगह आऐ वहाँ बाएं (उलटे) हाथ की एक उंगली बंद कर लें। 

इसी तरिके से सूरत मुकम्मल करें। सूरत खतम होने पर आप के सीधे हाथ की 4 और उलटे हाथ की 3 उँगलियाँ बंद होंगी।

3. अब सूरह मुल्क कुछ इस तरह से पढ़ना शूरू करें के जब लफ्ज 'अर-रहमान' आऐ तो दाहिने (सीधे) हाथ की एक उंगली खोल ले और लफ्ज 'अल्लाह' आऐ तो बाएं (उलटे) हाथ की एक उंगली खोल लें है।

इस तरह सूरत मुकम्मल होने पर आपकी सब उंगलियाँ खुल चुकी होंगी।

4. अब अपनी हाजत के लिए खूब दिल से दुआ मांगें।

5. इंशा अल्लाह, आपकी दुआ लाज़मान क़ुबूल होगी।

ग़ौर तलब: ख़्वातीन हैज़/महावारी के दिनो में ये अमल क़तयी न करें।

Shikam Seri aur Shifa ke Liye Surat Yaseen ka Amal


हारिस बिन उसामा ने हदीस शरीफ को नकल किया है के Surah Yaseen को रोजाना तिलावत करने से एक खौफ जदा इंसान को अमन मिलेगा। 

बीमार को मर्ज से शिफा मिलेगी। भुखे को अल्लाह की जानिब से पेट भरने का सामान मिलेगा। गरज, हर परेशानी का हल इस मुबारक सूरत यासीन शरीफ की तिलावत में मौजुद है।

Dushman Se Hifazat Ke Liye Surah Yaseen Ka Taqatwar Amal


अगर किसी शख्स के एक या ज्यादा दुश्मन है और उसे उनसे खतरा महसूस होता हो। वो चाहता है के उन सब से उसकी जान को हिफाजत मिले।

तो इसी सूरत में रोज़ाना कम-अज़-कम एक मरतबा सूरत यासीन की तिलावत करना मुफ़ीद साबित होगा इंशा अल्लाह। तमाम क़िस्म के दुश्मनो से हिफ़ाज़त मिलेगी, आमीन।

Zehan Tez Karne ke liye Surah Yaseen ka Wazifa


किसी भी रोज़ और किसी भी बेहतर वक्त पे आप ये अमल शुरू कर सकते हैं।

1. सब से पहले वुज़ू कीजिये।

2. जाफरान और गुलाब का अर्क लिजिये।

3. एक पाक साफ सफेद कागज और कलम लीजिये।

4. फिर कलम और अर्क की मदद से सूरत यासीन कागज पर लिखिए।

5. फिर कागज़ को साफ पानी के गिलास में डालकर कुछ देर के लिए रख दीजिये।

6. जब कागज की तहरीर दिखायी ना दे तो आप वो पानी पी लीजिये।

7. ऐसा लगातार सात (7) रोज़ तक करिये।

8. इंशा अल्लाह, आपकी याद-दाश्त में तेज़ी आएगी, क़ुवत में इज़ाफ़ा होगा, ज़हेन तेज़ होगा यानि दीमाग की ताकत बढ़ेगी।

ग़ौर तलब: ख़्वातीन हैज़/महावारी के दिनो में ये अमल क़तयी न करें।

Surah Yaseen Ka Amal Hindi Me


♣ सूरह यासीन को वुज़ू की हलत में इकतालीस (41) मर्तबा पढ़कर जिस मक़सद के लिए दुआ करेंगे, इंशा अल्लाह वो मक़सद पूरा होगा।
आप चाहते हैं तो ठीक यही रोज़ाना अमल कर सकते हैं। इसकी कोई मियाद तय नहीं है।

♣ हज़रत अली बिन कासिम हुक्मी ने Surah Yaseen Ke Amal की अफादियत पर बहुत ज़ोर दिया है। एक मुश्किल वक्त में उन्होने ये वजीफा किया और अल्लाह ताला की रहमत से मुश्किल से निजात पाई।

मालूम बस यही होता है के हम अगर किसी भी अमल को दिल-ओ-जान की शिद्दत से करेंगे हराम से परहेज और हलाल को इख्तियार करेंगे तो कामयाबी जरूर मिलेगी, अल्लाह सुनेगा।

दोस्तों अगर यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप इसको आगे पहुंचाएं जिससे दुसरे भी सूरह यासीन की फ़ज़ीलत समझ सकें।
शुक्रिया
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